Tuesday, 12 March 2013

CCPD ki Yaadein...


राह देखि थी इस दिन की कब से...
आगे के सपने सजा रखे थे जाने कब से...
बड़े उतावले थे जान्ने को...
जिंदगी का अगला पड़ाव पाने को...
पर ना जाने क्यूँ दिल मै आज कुछ और आता है...
वक़्त को रोकने का जी चाहता है... ...


जिन बातों को ले कर रोये थे...
आज उनपर हंसी रही है...
ना जाने क्यूँ उन पलों की याद रही है... ...

सब कहते हैं बड़ी मुस्किल से सह गया CCPD...
पर ना जाने क्यूँ आज लगता है कुछ पीछे रह गया...
कही अनकाही हजारों बातें बन गयी...
ना भूलने वाली कई यादें बन गयी... ...

हमारी class अब कौन लेगा...
फ़ोन कर के अब कौन हमे बुलाएगा...
जहाँ महीनो की फिकर नहीं वहां दो घंटे की CCPD का धयान कौन रखेगा...
कौन हमारी क्लास लेने के लिए रात भर जागेगा...
कौन हमारे नए नए नाम बनवाएगा...
कौन बिना टोपिक के हमे मुर्गे बनाएगा...
कौन अब हमे गलियां देगा...
कौन हमारी गलतियों को सिखाएगा...
कौन अपने ही दोस्तों की क्लास लेने को कहेगा...
और उनकी क्लास ना लेने पर हमारी क्लास लेगा... ...


24 hours’ मै कोल्ड-ड्रिंक्स किनसे पियूँगा...
बिना गलती के air - chair कैसे बनूँगा...
कौन grouping करने पर गुस्सा दिखायेगा...
कौन अपने दोस्तों से लड़ाई होने पर हमें डांट लगाएगा...

वो हसीं रातें फिर कब आएगी...
कब फिर से वो पल की याद आएगी...
ऐसे senior’s कहाँ मिलेंगे...
जो हमें पहले तो गालीयां दे...
और फिर parents की तरह देखभाल भी करे... ...

लड़कियों से बातें करते देख अब कौन हमसे seat - ups लगवाएगा...
कौन हमारे जोक्स पर जोक्स बनाएगा...
कौन अब हमसे हमारी हंसी पोंछायेगा...
कौन हमारे फालतू के lectures सुनेगा...
कौन हमें हमारी खूबियाँ सब के सामने लाने की हिम्मत दिलाएगा... ...

कब ये दिन वापिस आएगी...
कब उन पलों की यादें फिर से आएगी...
जब भी आएँगी ये यादें...
सबकी आँखों को नम कर जाएगी...
और सभी की हिम्मत बढ़ाएगी...

बस एक दुआ है इस रब से...
साथ रहे हम सभी... और ना हो कोई दुखी...
मिले सभी को सारी खुशियाँ...
और रहे सभी एक MCA परिवार की तरह...

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